为有桥边拂面香,何曾自敢占流光。
后庭玉树承恩泽,不信年华有断肠。
柳
李商隐
题目 | 作者 | 卷,号 |
---|---|---|
柳 | 李峤 | 060 , 036 |
柳 | 张旭 | 117 , 006 |
柳 | 李商隐 | 539 , 030 |
柳 | 李商隐 | 539 , 052 |
柳 | 李商隐 | 539 , 125 |
柳 | 李商隐 | 541 , 024 |
柳 | 方干 | 649 , 063 |
柳 | 罗隐 | 657 , 036 |
柳 | 罗隐 | 663 , 036 |
柳 | 唐彦谦 | 672 , 070 |
柳 | 郑谷 | 675 , 032 |
柳 | 韩偓 | 680 , 030 |
柳 | 翁承赞 | 703 , 028 |
柳 | 徐夤 | 710 , 039 |
柳 | 裴说 | 720 , 050 |
柳 | 罗绍威 | 734 , 001 |
柳 | 韩溉 | 768 , 031 |
柳 | 慕幽 | 850 , 018 |
柳 | 崔橹 | 884 , 039 |
柳 | 唐彦谦 | 885 , 021 |
柳 | 文丙 | 887 , 022 |
柳 | 李冶 | 888 , 018 |